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मुनि पूज्य सागर महाराज लिखित पुस्तक ‘श्रवणबेलगोला दर्शन’ का विमोचन

- कर्मयोगी स्वस्तिश्री चारुकीर्ति भट्टारक स्वामी जी के 48 दीक्षा दिवस पर श्रवणबेलगोला में हुआ विमोचन
- सेवा और धर्म के प्रतीक जीवंत तीर्थ श्रवणबेलगोला के ऐतिहासिक, धार्मिक और सामाजिक महत्व को विस्तार से समेटे है पुस्तक
बेंगलुरु। धर्म और सेवा की नगरी श्रवणबेलगोला में फरवरी, 2018 में होने वाले महामस्तकाभिषेक के पावन अवसर पर धार्मिक श्रीफल परिवार ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित और मुनि पूज्य सागर महाराज लिखित पुस्तक ‘श्रवणबेलगोला दर्शन’ का विमोचन श्रवणबेलगोला में मंगलवार, 12 दिसंबर को कर्मयोगी स्वस्तिश्री चारुकीर्ति भट्टारक स्वामी जी के 48 दीक्षा दिवस पर किया गया। इस सचित्र पुस्तक का विमोचन समारोह में मौजूद आचार्य श्री पंचकल्याण सागर महाराज, मुनि अमित सागर महाराज, मुनि पूज्य सागर महाराज ने किया। पुस्तक में श्रवणबेलगोला के ऐतिहासिक, धार्मिक, सामाजिक और शैक्षणिक महत्व की जानकारी विस्तार से दी गई है। पुस्तक की प्रथम प्रति आचार्य श्री वर्धमान सागर महाराज और कर्मयोगी स्वस्तिश्री चारूकीर्ति भट्टारक स्वामी जी को भेंट की गई। धार्मिक श्रीफल परिवार की यह 60 पेज की पुस्तक भी स्वामी जी को ही समर्पित है। समारोह में मुनि पूज्य सागर महाराज ने कहा कि वर्ष 2015 में मुनि दीक्षा से पहले जब वह क्षुल्लक अवस्था एवं ब्रह्मचारी अवस्था में थे, तब से अब तक उन्होंने श्रवणबेलगोला और स्वामी जी से बहुत कुछ प्राप्त किया और सीखा है। श्रवणबेलगोला को वह अपनी माता और स्वामी जी को अपने पिता मानते हैं। उन्होंने अपने इन्हीं माता-पिता का गुणगान इस पुस्तक में करने की कोशिश की है।
फोटो कैप्शन - मुनि पूज्य सागर द्वारा लिखित पुस्तक ‘श्रवणबेलगोला दर्शन’ विमोचन करते हुए संतगण।